कंटेंट पर जाएँ
  • होम
    • प्राइवेट रूप से मैसेज भेजेंएक-दूसरे से जुड़े रहेंग्रुप्स में कनेक्ट करेंअपनी बात कहेंसुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया डिज़ाइनअपने हर दिन के खास पलों को शेयर करेंचैनल फ़ॉलो करें
  • प्राइवेसी
  • हेल्प सेंटर
  • ब्लॉग
  • बिज़नेस के लिए
  • डाउनलोड करें
डाउनलोड करें
शर्तें और प्राइवेसी पॉलिसी2025 © WhatsApp LLC
WhatsApp का होम पेजWhatsApp का होम पेज
    • मैसेज प्राइवेटली

      एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और प्राइवेसी कंट्रोल.

    • एक-दूसरे से जुड़े रहें

      दुनिया में कहीं भी फ़्री* में कॉल करें और मैसेज भेजें.

    • ग्रुप्स में कनेक्ट करें

      ग्रुप में मैसेज भेजना हुआ आसान.

    • अपनी बात कहें

      स्टिकर, वॉइस मैसेज, GIF आदि के ज़रिए अपनी बात कहें.

    • सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाया गया डिज़ाइन

      आपको सुरक्षित रखने के लिए बनाई गई सुरक्षा की कई लेयर

    • अपने हर दिन के खास पलों को शेयर करें

      स्टेटस पर फ़ोटो, वीडियो और वॉइस नोट शेयर करें

    • चैनल फ़ॉलो करें

      अपनी पसंद के विषयों पर अपडेट पाने के लिए हमारे साथ बने रहें

  • प्राइवेसी
  • हेल्प सेंटर
  • ब्लॉग
  • बिज़नेस के लिए
  • ऐप
लॉग इन करेंडाउनलोड करें
  • WhatsApp स्टोरीज़

  • लोगों की स्टोरीज़

  • भारत के लोगों की स्टोरीज़


Saee Koranne-Khandekar (सई कोरान्‍ने-खांडेकर)

सई कोरान्‍ने-खांडेकर का परिवार खाने का शौकीन है और सब दुनिया के अलग-अलग कोनों में रह रहे हैं. सबको एक साथ लाने के लिए उन्होंने 2012 में WhatsApp ग्रुप बनाया था जिसमें खाने की रेसिपी और क‍िचन टिप्‍स व ट्रिक्‍स शेयर की जाती थी, बाद में उन्हीं रेसिपी को "द गोरे फ़ेमिली कुकबुक" में शामिल किया गया.

क‍िताब की शुरुआत को याद करते हुए सई कहती हैं, “दादी-नानी, ताई-चाची और घर-बगीचे और खाने के बारे में ढेर सारी यादें ताज़ा हो गईं". इस फ़ैमिली कुकबुक की बात पक्की होते ही दुनिया-भर से रिश्‍तेदार WhatsApp ग्रुप में पारंपरिक रेसिपी और उनसे जुड़ी यादें भेजने लगे. उस ग्रुप में शुरु में परिवार के 50 सदस्य थे और अब उसमें 100 से भी ज्‍़यादा सदस्य हो गए हैं. घर के बुजुर्ग जिनमें से कुछ की उम्र लगभग 70 साल है और जिन्होंने कभी भी WhatsApp का इस्तेमाल नहीं किया था, वे भी WhatsApp पर अपनी रेसिपी भेजने लगे.

"मुझे नहीं लगता कि हम ईमेल या फ़ोन कॉल्‍स के ज़रिये ऐसा कर पाते."

सई बताती हैं, "मुझे नहीं लगता कि हम ईमेल या फ़ोन कॉल्‍स के ज़रिये ऐसा कर पाते. अगर मैंने सबको कॉल क‍िया होता तो मुझे केवल उनकी कहानी पता चलती, लेकिन WhatsApp से यह पूरे परिवार की कहानी बन जाती है, इसमें तथ्यों को लेकर बातचीत की जा सकती है. रेस‍िपी को लेकर सारी बातचीत WhatsApp पर ही की गई. कोई कहता 'ओह, मुझे याद है क‍ि उसने मसाला डाला था,' और कोई दूसरा कहता, 'नहीं, इस रेसिपी में प्‍याज़ को स्‍लाइस नहीं बल्कि डाइस क‍िया जाता है'".

सई, जो फ़ूड राइटर और कंसल्‍टेंट हैं, ने सभी रेसिपी को इकट्ठा किया, खुद बनाकर देखा और फिर किताब में लिखा. 2014 की दिवाली में सई की दादी और अन्‍य बुजुर्गों ने परिवार को "द गोरे फ़ेमिली कुकबुक" भेंट की. गर्भवती होने की वजह से सई बहुप्रतीक्षित उद्घाटन में शामिल नहीं हो पाईं.

सई कहती हैं, “मुझे रोना आ रहा था. प्रेज़ेंटेशन के बाद परिवार में सबने मुझसे बात की और मुझे बधाई दी. वे सभी क‍िताब देखकर हैरान थे! हम सभी कुकबुक देखकर खाना बनाते हैं. उसमें अचार की रेसिपी भी है, उन पन्‍नों को हर ग‍र्मियों में देखा जाता है”.

सई के लिए WhatsApp कुकबुक केवल परिवार की सभी रेसिपी को एक साथ ल‍िखना ही नहीं है बल्कि यह भारत के इतिहास को बेहतर ढंग से समझने का तरीका भी है. उनके परिवार में भोजन का लेनदेन जारी है और वे दूसरी क‍िताब ल‍िखने के बारे में सोच रही हैं जिसमें जान-पहचान की और मज़ेदार खाने की आइटम से संबंधित और निजी किस्से और परिवार के लम्‍हें शामिल होंगे.


India से ज़्यादा स्टोरीज़

और एक्सप्लोर करें
  • Mandar Shrouti

    Mandar Shrouti

    भारत
  • उत्तर प्रदेश पुलिस

    उत्तर प्रदेश पुलिस

    भारत
डाउनलोड करें
WhatsApp का मुख्य लोगो
WhatsApp का मुख्य लोगो
डाउनलोड करें
हमारा काम क्या है
फ़ीचर्सब्लॉगसुरक्षाबिज़नेस के लिए
हम कौन हैं
हमारे बारे में जानकारीकरियरब्रांड सेंटरप्राइवेसी
WhatsApp का उपयोग करें
Android परiPhone परMac/PCWhatsApp वेब
क्या आपको मदद चाहिए?
हमसे संपर्क करेंमदद केंद्रऐप्ससुरक्षा सलाह
डाउनलोड करें

2025 © WhatsApp LLC

शर्तें और प्राइवेसी पॉलिसी
साइटमैप