विदित आत्रे और संजीव बरनवाल इस सोशल कॉमर्स प्लैटफ़ॉर्म के मार्गदर्शक थे.
इस दौड़ में आगे बढ़ने के लिए उन्होंने 2016 में Meesho बनाया. Meri Shop (मेरी शॉप) को छोटा करके Meesho नाम बना. बेंगलुरु में स्थित यह सोशल ई-कॉमर्स प्लैटफ़ॉर्म इसलिए बनाया गया ताकि घर से बिज़नेस चलाने वालों को WhatsApp, Facebook, Instagram और अन्य सोशल साइट्स पर अपना सामान बेचने में आसानी हो.
विदित कहते हैं कि “हमने एक दिलचस्प बात देखी, अधिकतर Meesho यूज़र्स वे लोग थे जो WhatsApp पर अपना बुटीक चला रहे थे. हमने पाया किया कि उनमें से अधिकतर लोग - गृहिणियाँ, विद्यार्थी और दुकानदार (रीटेलर्स) - थे. जो खुद का बिज़नेस तो शुरू करना चाहते थे लेकिन उनके पास उतने पैसे नहीं थे.”
700-लोगों की इस कंपनी ने बहुत से भारतीयों के लिए ऑनलाइन बिज़नेस शुरू करने में मदद की है और लोगों को खुद का पैसा भी नहीं लगाना पड़ा. ये अपने यूज़र्स की WhatsApp, Facebook, Instagram और अन्य सोशल साइट्स पर सामान बेचने में मदद करते हैं. उन्होंने भारत में बने कई प्रोडक्ट खरीदे ताकि यूज़र्स उन्हें भी आगे बेच सकें. ये डिलीवरी और पेमेंट में भी मदद करते हैं. अब तक उन्होंने 5000 से अधिक शहरों में 50 लाख से भी ज़्यादा सोशल विक्रेताओं को सोर्सिंग, लॉजिस्टिक्स, पेमेंट के लिए टूल्स प्रदान करके ऑनलाइन बिज़नेस शुरू करने और आगे बढ़ाने में मदद की है.
Meesho के रीसेलर्स WhatsApp Business ऐप के इस्तेमाल करने के अपने अनुभव शेयर करते हैं. लखनऊ की एक गृहिणी कहती हैं, कि “मुझे ऑटोमेटेड मैसेजिंग टूल बहुत उपयोगी लगता है. इसमें जब आप किसी ग्राहक को जवाब देने में असमर्थ होते हैं, तो आप इसमें 'अनुपस्थित संदेश' सेट कर सकते हैंं जो ग्राहक को सूचित कर देता है."
इस ऐप का इस्तेमाल करने वाले एक ऑनलाइन बुटीक के मालिक का कहना है कि, “इसमें ग्राहक से बातचीत करना आसान है और मैं भेजे गए मैसेज, का 'पहुँँच गया', 'पढ़ा गया' और 'मिल गया' स्टेटस देखता हूँ. मैनें सभी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों का एक सेट जवाब भी तैयार किया है, जिससे मेरा समय बचता है और मैं अपने ग्राहकोंं को अच्छी तरह से हैंडल कर पाता हूँ.”
साधारण लोगों को उद्योगपति बनाकर Meesho ने सोशल रीसेलिंग प्लैटफ़ॉर्म में हलचल मचा दी है — और ऐसा करने में WhatsApp ने भी अहम भूमिका निभाई है.