आजकल के स्टूडेंट्स की परेशानी अजीब है कि उनके लिए बहुत सारी चीज़ें उपलब्ध हैं. पढ़ने में उनकी मदद करने के लिए बहुत सी चीज़ें उपलब्ध तो हैं लेकिन किसी एक के लिए अगर कुछ मिलता है, तो दूसरे किसी विषय के लिए वह काम नहीं करता और उसमें इंटरेस्ट भी नहीं आता है.
यही कुछ चुनौतियाँ हैं जिन्हें जयपुर स्थित Bodhi AI हल करने की कोशिश कर रहा है. 2017 में शुरू हुआ उनका AI (आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस) आधारित स्कोर इंप्रूवमेंट प्लेटफ़ॉर्म स्टूडेंट के सीखने का तरीका समझता है और उसके आधार पर उनके के लिए करिकुलम तैयार करता है.
Bodhi AI के को-फ़ाउंडर पीयूष अग्रवाल कहते हैं, “हम हर स्टूडेंट पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान देते हैं और उसके अनुसार कंटेंट सजेस्ट करते हैं. हमारा प्लेटफ़ॉर्म स्टूडेंट की तैयारी के मॉड्यूल को छोटे, व्यक्तिगत रूप से पूरे किए जाने वाले लक्ष्यों में बाँट देते हैं जिससे सीखना आसान और मज़ेदार हो जाता है. हमको यह महसूस हुआ कि एक ऐसे पर्सनल असिस्टेंट की ज़रूरत है, जो स्टूडेंट्स को गाइड करे, उनकी परेशानियों को हल करे, उनकी कमज़ोरियों को समझे, कंटेंट सुझाए, प्रगति पर नज़र रखे और भविष्य में उनके प्रदर्शन का अनुमान लगाए.
चूंकि स्टूडेंट्स WhatsApp पर सक्रिय रहते हैं, उनसे संपर्क करना और बातचीत करना बहुत सरल हो जाता है. WhatsApp गुप से उन्हें विशेष कोर्सेस में विशेष तरह के स्टूडेंट्स को मैनेज करने में मदद मिली.
पीयूष कहते हैं, “जानकारी शेयर करना और तुरंत अपडेट पाना आसान हो गया है. साथ ही, स्टोरी शेयर करने के लिए स्टेटस विकल्प बहुत प्रभावी रहा है.”
WhatsApp Business ऐप का इस्तेमाल वे कैसे करते हैं, यह बताते हुए पीयूष कहते हैं, “पता, डाइरेक्शन, वेबसाइट यूआरएल, ईमेल और ऑफ़िस टाइम जैसी चीज़ें पता करने में जो टाइम लगता था, वह कम हो गया है. साथ ही, वेरिफ़ाई करने की कोई ज़रूरत नहीं होती है क्योंकि सब कुछ पारदर्शी रहता है. हमारी कंपनी ने महत्वपूर्ण लीड्स WhatsApp Business ऐप से निकाली हैं. अन्य फ़ीचर जैसे शॉर्ट लिंक और अन्य संदेश टूल भी बहुत फ़ायदेमंद हैं.”
Bodhi AI की टीम के 22 लोगों के लिए अब तक का सफ़र बहुत रोमांचक रहा है और पीयूष कहते हैं कि वे इंटरेस्टिंग तरीके से सीखने में स्टूडेंट्स की मदद करने के लिए काम करते रहेंगे.