यह कोई राज की बात नहीं है । हम चाहे किसी भी सभ्यता से हो, किसी भी संस्कृति से हो । हमें विविध कलाओं के माध्यम से इसी जीवन शक्ति के साथ जोड़ने की कोशिश की गई है । हमारे पूर्वजों ने संगीत, साहित्य, चित्र-शिल्प, युद्ध कला से लेकर किचन में खाना बनाने तक सभी कलाओं के द्वारा हमें जिंदा रहना सिखाया । जिंदा रहने का मतलब सिखाया । कंप्यूटर हो या मोबाइल, डेटिंग हो या बेटिंग, गेम खेलने से लेकर फेम मिलने तक सभी चीजे कला ही है । लेकिन कलाओं का मकसद सिर्फ भावनाओं के पीछे दौड़ना है या उन भावनाओं से बनी Stress को Utilize करना ?
तनाव से बचना, उनका सामना करना, उनका इस्तमाल करके खुद को और बेहतर बनाना यही कलाओं का असली मकसद था । जो आगे जाकर उत्पत्ति, स्थिति और लय इन तीनों स्तरों पर मददगार भी साबित हुआ है । जीवनी शक्ति को update करने वाली ऐसी सभी कलाओं को समझना, उनसे जुड़ जाना और खुद के साथ-साथ इस ब्रह्मांड की व्यापकता से जुड़ने के लिए कलाओं का इस्तमाल करना यही है 'जीवन संगीत' ।